सामाजिक उपक्रम धृति- द करेज विद इन (https://dhriiti.com/ वर्ष 2004 में स्थापित) ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान आज राजधानी में 'अनब्लेमि...
सामाजिक उपक्रम धृति- द करेज विद इन (https://dhriiti.com/ वर्ष 2004 में स्थापित) ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान आज राजधानी में 'अनब्लेमिश्ड' (बेदाग) पुस्तक के लोकार्पण की घोषणा की। यह अपने कॉरपोरेट पार्टनर, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड द्वारा समर्थित, लांच संगठनों के बिजनेस एक्सेलेरेटर प्रोग्राम 'ब्यूटीप्रेन्योर' की सफलता को भी चिह्नित करता है। यह इसके चलने का 8वां वर्ष है (वर्ष 2015-16 में शुरू हुआ) और 4,500 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया ताकि उन्हें कमाई में मदद मिली। अब ये महिलाएं मिलकर 4 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमा रही है। धृति- द करेज विद इन उद्यमिता को बढ़ावा और अपनी परियोजनाओं, प्रशिक्षण, परामर्श और एक्सलरेटर कार्यक्रमों के जरिए, संरक्षण देने की कोशिशें तथा अगली पीढ़ी के उद्यमी तैयार करने के लिए काम करता है।
'अनब्लेमिश्ड' एक कॉफी टेबल बुक है जिसमें छोटी औपचारिक, प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाली कहानियों, वास्तविक जीवन की चुनौतियों, संघर्षों और 21 अदम्य उत्साही महिलाओं द्वारा कवर की गई यात्राएं शामिल हैं। ये महिलाएं हैं - अश्विंदर, फातिमा, कैसर, साधना जगदीश, सीता, आर रचना, वीणा, मंजुलता , राजेश तोमर, अर्चना, गुड़िया, मंजू चौधरी, मीना किशोर, राधा, रुख्मिणी, भवानी देवी, मीना गुप्ता, नूरी, सपना मिश्रा, बबली सक्सेना और पूनम। इन महिलाओं ने तमाम बाधाओं को पीछे छोड़कर एक अलग पेशे में सफलता हासिल की है इसलिए यह जरूरी नहीं कि वह उनकी पसंद का ही रहा हो।
ज्यादातर अपने सपनों का पीछा करते हुए, आगे बढ़ने की कोशिशों में इन सौंदर्य उद्यमियों ने अपनी शर्तों पर एक सम्मानजनक जीवन जीने और कमाने के लिए साहस दिखाने के साथ एक आकांक्षा रखी और इसके लिए अथक प्रयास किया है। कभी आत्मविश्वास के लिए, कभी बच्चों की शिक्षा और बेहतर जीवन के लिए, नए लोगों के साथ बातचीत की चाहत के लिए तो कभी खुद के लिए हालांकि, ज्यादातर बार अपने परिवारों के लिए दो जून का खाना जुटाने के लिए इन महिलाओं ने कई #पूर्वग्रहों को तोड़ा है, कई वर्जनाओं को चुनौती दी है, सामाजिक दबाव, मुश्किल विवाह, व्यक्तिगत नुकसान से निपटना, परिवार की आय में वृद्धि, अपने वास्तविक उद्देश्य को खोजने और कभी-कभी अपने स्वयं के भावनात्मक निशानों को छिपाने और सौंदर्य के अर्थ को पुनर्पारिभाषित करने के लिए यह सब किया है।
धृति के साथ ब्यूटीप्रेन्योर कार्यक्रम की सफलता पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसोसिएट कंपनियों के सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख गायत्री दिवेचा कहती हैं, “ब्यूटीप्रेन्योर प्रोग्राम के साथ, हम सौंदर्य कौशल प्रदान करने के लिए तैयार हैं जो पूरे भारत में महिलाओं को सशक्त बनाता है। इस कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि महिलाओं को आजीविका कमाने और जीवन को बेहतर करने, एक पहचान बनाने और अपनी अनूठी आवाज खोजने में सक्षम बनाया जा सके। इसके लिए इसमें तकनीकी और उद्यमिता दक्षताओं को स्थापित किया गया है। डेटा से अधिक, इन महिलाओं की कहानियां हैं जो कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं। हमने ऐसी महिलाओं को देखा है जो एक समय बोलने में बहुत शर्माती थीं और अब उनमें एक सफल उद्यम शुरू करने और चलाने का आत्मविश्वास आ गया है। हमें उम्मीद है कि ये कहानियां और अधिक महिलाओं को अपना रास्ता बनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। ”
भारतीय सौंदर्य प्रसाधन उद्योग की पिछले पांच वर्षों में 60% की वृद्धि हुई है (एक अग्रणी जीवन शैली पत्रिका द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार)। इससे पार्लर या सैलून उद्योग में भी 35% की वृद्धि हुई है। सभी आयु समूहों और लिंग के ग्राहकों को आकर्षित करना भारतीय सौंदर्य और सैलून व्यवसाय में एक निर्बाध विकास प्रक्षेपवक्र है और अमेरिका तथा यूरोपीय बाजारों के साथ समानांतर रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
ब्यूटीप्रेन्योर छोटे पैमाने पर महिलाओं के नेतृत्व वाले सौंदर्य उद्यमों की सहायता करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य नैनो सौंदर्य उद्यमियों को अपने कारोबार में सुधार करके व्यवसाय और वित्तीय प्रबंधन के ज्ञान अंतर को पाटने और उनकी आत्म-धारणा को बेहतर करके अपने व्यवसायों को मजबूत करने में सक्षम बनाना है। कार्यक्रम महिलाओं के लिए नेटवर्क बनाने, साझा करने और सीखने के लिए एक सुरक्षित स्थान तैयार करता है। तकनीकी और व्यवसाय प्रबंधन सक्षमताओं को आगे बढ़ाते हुए यह कार्यक्रम एक उद्यमशीलता की मानसिकता और दक्षताओं को विकसित करने का काम करता है जो विशेष रूप से दिल्ली और एनसीआर की झुग्गी बस्तियों की महिलाओं की मदद करता है; ताकि उनका कारोबार लंबे समय तक चल सके। स्थापना के बाद से, यह परियोजना दिल्ली (एनसीआर) में 650+ महिला उद्यमियों के साथ जुड़ी हुई है। दिल्ली के संगम विहार, मोलरबंद, जैतपुर, उत्तम नगर, शाहदरा आदि सहित कम आय वाले इलाकों से 250+ महिला उद्यमियों को गहन रूप से प्रशिक्षित किया गया और सलाह दी गई है। इन महिला उद्यमियों ने आगे अपने व्यवसायों में लगभग 300 महिलाओं को रोजगार दिया और लगभग 4500 लड़कियों और महिलाओं को अपने समुदायों की समग्र रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया। एक समूह के रूप में, इन महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों ने राजस्व के रूप में रुपए चार करोड़ + कमाए हैं। इस कार्यक्रम ने उनके सामाजिक कल्याण को भी प्रभावित किया है। इनमें बढ़ा हुआ आत्मविश्वास, अधिकारों और कानूनी मुद्दों के बारे में जागरूकता, बढ़ी हुई गतिशीलता आदि शामिल हैं।
पुस्तक के विमोचन और एक्सलरेटर कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित , सुश्री निधि गुप्ता, कार्यकारी निदेशक, धृति - द करेज विदइन, कहती हैं, "यह परियोजना मेरे लिए सीखने का एक व्यक्तिगत अनुभव रहा है। इसने मुझे सिखाया है कि जब एक महिला ब्यूटी सैलून की मालिकन होती है और उसे चलाती है, तो वह केवल पैसे के लिए सेवा नहीं दे रही है। बल्कि वह एक ऐसी जगह बना रही है जो उसे एक नई पहचान दे, उसे खुद से और दुनिया से बातचीत करने की ताकत दे और उसके सपनों को अर्थ दे। महामारी के दौरान, यह इस क्षेत्र की सुरक्षा और गौरव था कि सबसे ज्यादा नुकसान इनका हुआ, यहां तक कि जो धन कम आया उससे भी ज्यादा। ”
ज्यादातर ब्यूटीप्रेनर्स आर्थिक और सामाजिक रूप से चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि से आते हैं और इस तरह उन्हें अपने व्यवसाय तथा तकनीकी कौशल को निखारने तथा बेहतर करने, नवीनतम उद्योग रुझानों और सूचनाओं को हासिल करने, व्यावसायिक नेटवर्क बनाने के सीमित अवसर मिलते हैं। व्यापार मालिकों और उद्यमियों के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने की उनकी क्षमता उनकी कम समझ, सीमित आवाजाही और बातचीत करने में असमर्थता के कारण और कमजोर हो जाती है। कौशल विकास, धारणा निर्माण, परामर्श और सामुदायिक निर्माण के बहु-आयामी दृष्टिकोण के माध्यम से ब्यूटीप्रेन्योर कार्यक्रम महिला उद्यमियों को उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने, मौजूदा सामाजिक पहचान से बाहर निकलने और जीवन व व्यवसाय के लिए एजेंसी को समझने में सक्षम बनाता है।
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