'जुगाड़', 'अनारकली आरा वाली' के साथ ही अवार्ड विनिंग फिल्म 'भोंसले' जैसी फिल्में देकर बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना...
'जुगाड़', 'अनारकली आरा वाली' के साथ ही अवार्ड विनिंग फिल्म 'भोंसले' जैसी फिल्में देकर बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाने वाले फिल्मकार संदीप कुमार के हौसले आजकल काफी बुलंद हैं। दरअसल, इसकी वजह यह है कि एक समय में राजनीति में बवाल मचाने वाले मराठी बनाम उत्तर भारतीय मुद्दे पर 'भोंसले' जैसी फिल्म बनाने की कूवत दिखाने वाले और इस फिल्म के लिए मनोज वाजपेयी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवार्ड दिलाने वाले निर्माता संदीप कपूर की दो शॉर्ट फिल्मों 'टरबन' और 'पैटर्न' को इंडियन इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में आधिकारिक एंट्री मिल गई है। फिल्म 'टरबन' का निर्देशन रविंद्र सिवाच ने, जबकि 'पैटर्न' का डायरेक्शन सचिन करांडे ने किया है।
उल्लेखनीय है कि ‘पैटर्न’ एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसे स्कूल में बच्चे तंग करते हैं, लेकिन वह अपनी हिम्मत, मेहनत और दिमाग से तंग करने वाले बच्चों को मजबूर कर देता है वे उसके साथ भी आम बच्चों की तरह व्यवहार।
वहीं, दूसरी फिल्म ‘द टर्बन’ 2020 में पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों पर आधारित है जब सीएए और एनआरसी का विरोध हिंसक हो गया था। संदीप कपूर द्वारा निर्मित और रवींद्र सिवाच द्वारा निर्देशित यह फिल्म उन्मादी भीड़ की नासमझ हिंसा की पड़ताल करती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक मासूम बच्चा किस तरह आतंकी दंगाइयों के भेंट चढ़ जाता है, लेकिन जब दंगाइयों को उसकी असलियत का पता चलता है तो वह भी भौंचक रह जाते हैं।
कह सकते हैं कि ‘पैटर्न’ किशोर जीवन के अति संवेदनशील मुद्दे को छूता है। निर्माता संदीप कपूर और निर्देशक सचिन करांडे ने इस संवेदनशील विषय को बहुत ही जिम्मेदार तरीके से पेश किया है। दोनों ही फिल्मों में मुख्य भूमिका में कार्तिकेय गोयल ने अपनी उम्र से आगे बढ़कर बहुत ही सकारात्मक तरीके से अपने किरदारों को निभाया है।
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